मेरा नाम सुनिधि है और अविवाहित ३२ साल की अपने माँ के साथ अकेली रहती हु. मेंने घर की जिम्मेदारियों के कारण शादी नहीं की है.मेरे पड़ोस में राजू नाम का लड़का था. वो दुकान में काम करता था और मेरी माँ उसे काफी मानती थी हैं। एक बार बरसात के मौसम में
मां नाना के घर गयी हुई थी,में अकेली घर में थी और बाहर हल्की हल्की बारिश हो रही थी .और मैं अकेली टी वी पर “सेक्स इन दा सिटी” अन्गरेजी फ़िल्म देख रही थी। इंग्लिश फिल्म में किसिंग सीन चल रहा था। रात के करीब ८ बज रहे थे। तभी दरवाजे पर घंटी बजी। मुझे बड़ा अजीब लगा इस समय कोन होगा में दरवाजे तक गयी. और अन्दर से ही की होल से देखा तो राजू था. मैने धीरे से दरवाजा खोला तो राजू बोला .सुनिधि कैसी हो, तुम्हारी मां कहां है? मैने कहा अन्दर तो आओ राजू अन्दर आकर बोला क्या मम्मी नहीं है। मैने कहा नाना के यहां गयी है कल शाम तक आएगी तो राजू बोला मैं चलता हूं। माँ से मिलना था मैने कहा थोड़ा रुको चाय पीकर जाओ वैसे भी बाहर बारिश हो रही है राजू ने कहा तुम कहती हो तो रुक जाउंगा बारिश भी बढ़ गई थी। राजू कमरे के अन्दर आया देखा तो फिल्म चल रही थी मेने तुरंत टीवी बंद की और थोड़ी देर में मेने चाय बनाकर दिया. तब राजू की नजर मेरी सीने पर टकराई उसकी नजर चाय पीते पीते मेरी बड़ी बड़ी चूचियों पर चली गयी, मैने अपने को सम्भाला लेकिन राजू शायद शराब पीकर आया था और हलके नशे में था.उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगा ।और मुझे अपनी बाहों में भर दिया मैं चिल्ला उठी मुझे छोड़ दो लेकिन राजू नशे में नहीं माना और कस के मुझे किस करने लगा मैं अपने को छुड़ाने की कोशिस करती रही पर मेरी एक न नहीं चली वो मेरे होंठों को वो जी भरके चूसने लगा.फिर मेरी टीशर्ट को सामने से खींच कर फाड़ दिया मेने अंदर कुछ नहीं पहना था मेरी भरी चुचिया झटके से बाहर निकल गयी पहली बबर मेरी उरोज किसी ने देखे वो और उतेजित हो गया ..मैने खूब हाथ पांव चलाये और चिल्लाई लेकिन बाहर बारिश में किसी को आवाज भी सुनाई नहीं दी. फिर भी एक बार मैने जोरदार धक्का मारकर उससे छुटकर भागी लेकिन राजू तो शायद तय कर के ही आया था उसने भागकर मुझे फिर पकड़ा और मुझे दो तमाचे मारे मेरे तो होश ही गुम हो गए उसने तुरन्त मुझे फिर से कस कर दबाया. तो दोनो नंगी चूचियां पूरी दब के रह गयी।राजू मेरी चूचियां को जोर जोर से दबाये जा रहा था. फिर पीछे से मेरे बाल पकड़कर मेरी गरदन गाल कान कंधे को बुरी तरह चूसने और सहलाने लगे और दोनो चूचियों को सीने से दबाते रहे और चुमते चाटते मेरे नीचे अपने एक हाथ को ले गया और उसने मेरी इलास्टिक वाली सलवार को झटके से नीचे कर दिया इससे मैं अपने अपको सम्भाल न सकी और गिर गयी तब राजू मेरे ऊपर चढ़ बेठा में असहाय से उसके नीचे दबी रही और डर कर चुप हो गयी तब राजू ने पास ही मोबाइलके चार्जर के तार से मेरी पीछे हाथ बाँध दिया मुह में रुमाल ठूस . फिर उसने मेरे सलवार को जबरजस्ती जोकि पेरो में फंसी पड़ी थी खीचकर अलग कर दिया और फिर मेरी चूत को पेंटी के ऊपरसे चूसने लगा उसके बाद अचानक मेरी पेंटी में हाथ डालकर फाड़ डाली.अब में नंगी हो चुकी थी मेरा नंगा गोरा शरीर को देखकर वो पागल हो चूका था मेरे शरीर में तो जान ही निकल गयी थी में सिर्फ पड़ी हुई उसकी हरकते देख रही थी अब उसने अपने कपडे उतरने शुरु किये और पूरा नंगा हो गया में ने उसके नंगे लिंग को देखा तो सहम गयी पूरा सात इंच लम्बा था ... मेरी साफ़ योनी को देख कर अब वह मेरी बाजू आकर चूचियों पकड़ दबाता फिर चूसता और दूसरी को मसलता इस तरह बारी बारी दोनो चूचियों को चूसते रहा.फिर धीरे धीरे उंगली मेरी योनी पर फ़िराने लगा .मुझे भी अब सुरूर चढ़ने लगा अब राजू ने अपने लंड को मेरी चूत पर फिरना शरू किया कोमल लिंग का मुंड का पहला स्पर्श मेरी चूत से हुआ तो मेरी चूत अपने आप सिकुड़ने लगी और मेरी चूचियों में भी चुलबुलापन आने लगा ,मैं अब गर्म होने लगी थी और मेरा पूरा बदन कम्पन करने लगा मेने अब अपनी टाँगे खुद फ़ैला दी.तब राजू ने चूत में जोर से लंड दबाया ओह्हह्हह ऊऊह्हह्हह्ह मेरी कुंवारी चूत तो खुल गयी और राजू का विशाल लंड अपनी जोरदार ताकत के साथ मेरी बुर की झिल्ली को तहस नहस करते हुए आगे बढ़ गया पर मैं मुह बंद रहने के कारण मुह में ही आह्हह ओअह्हह्ह ओह्ह करती रह गयी.मेरी आँखों में आसू आ गए. मेरी टाइट चूत की धज्जिया उड़ी जा रही थी. पर राजू कहा मानने वाला था धका धक फ़का फ़क फ़का फ़क फ़का फ़क चोदने लगा और उसका पूरा लंड अब मेरी चूत में समां चूका था और अब राजू मेरी दोनो उरोजो को कस कर दबाते जी भर के मस्त चुदाई का आनंद लेने लगा. और कुछ ही देर में राजू ने बुरी तरह मुझे जकड़ लिया उसकी सांसे तेज हो चुकी थी और अपने होंटों से मेरे होंठो को चूमने लगा .वो झड़ने वाला था. और देखते ही देखते धक्के के साथ मेरी चूत में वीर्य पतन कर दिया मेरी बुर भर उठी और खून और वीर्य बाहर आकर मेरी गांड में आ गया अब राजू कुछ देर मेरे ऊपर पड़ा रहा. फिर उठ कर उसने मेरे फटे कपड़े से मेरी शरीर को साफ़ किया. और अपने कपडे पहने और मेरे फटे कपड़ो को उठाये. मेरे हाथ खोलकर मुझे धमकाते हुए किसी को न बोलने को कहकर चला गया ....
मां नाना के घर गयी हुई थी,में अकेली घर में थी और बाहर हल्की हल्की बारिश हो रही थी .और मैं अकेली टी वी पर “सेक्स इन दा सिटी” अन्गरेजी फ़िल्म देख रही थी। इंग्लिश फिल्म में किसिंग सीन चल रहा था। रात के करीब ८ बज रहे थे। तभी दरवाजे पर घंटी बजी। मुझे बड़ा अजीब लगा इस समय कोन होगा में दरवाजे तक गयी. और अन्दर से ही की होल से देखा तो राजू था. मैने धीरे से दरवाजा खोला तो राजू बोला .सुनिधि कैसी हो, तुम्हारी मां कहां है? मैने कहा अन्दर तो आओ राजू अन्दर आकर बोला क्या मम्मी नहीं है। मैने कहा नाना के यहां गयी है कल शाम तक आएगी तो राजू बोला मैं चलता हूं। माँ से मिलना था मैने कहा थोड़ा रुको चाय पीकर जाओ वैसे भी बाहर बारिश हो रही है राजू ने कहा तुम कहती हो तो रुक जाउंगा बारिश भी बढ़ गई थी। राजू कमरे के अन्दर आया देखा तो फिल्म चल रही थी मेने तुरंत टीवी बंद की और थोड़ी देर में मेने चाय बनाकर दिया. तब राजू की नजर मेरी सीने पर टकराई उसकी नजर चाय पीते पीते मेरी बड़ी बड़ी चूचियों पर चली गयी, मैने अपने को सम्भाला लेकिन राजू शायद शराब पीकर आया था और हलके नशे में था.उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचने लगा ।और मुझे अपनी बाहों में भर दिया मैं चिल्ला उठी मुझे छोड़ दो लेकिन राजू नशे में नहीं माना और कस के मुझे किस करने लगा मैं अपने को छुड़ाने की कोशिस करती रही पर मेरी एक न नहीं चली वो मेरे होंठों को वो जी भरके चूसने लगा.फिर मेरी टीशर्ट को सामने से खींच कर फाड़ दिया मेने अंदर कुछ नहीं पहना था मेरी भरी चुचिया झटके से बाहर निकल गयी पहली बबर मेरी उरोज किसी ने देखे वो और उतेजित हो गया ..मैने खूब हाथ पांव चलाये और चिल्लाई लेकिन बाहर बारिश में किसी को आवाज भी सुनाई नहीं दी. फिर भी एक बार मैने जोरदार धक्का मारकर उससे छुटकर भागी लेकिन राजू तो शायद तय कर के ही आया था उसने भागकर मुझे फिर पकड़ा और मुझे दो तमाचे मारे मेरे तो होश ही गुम हो गए उसने तुरन्त मुझे फिर से कस कर दबाया. तो दोनो नंगी चूचियां पूरी दब के रह गयी।राजू मेरी चूचियां को जोर जोर से दबाये जा रहा था. फिर पीछे से मेरे बाल पकड़कर मेरी गरदन गाल कान कंधे को बुरी तरह चूसने और सहलाने लगे और दोनो चूचियों को सीने से दबाते रहे और चुमते चाटते मेरे नीचे अपने एक हाथ को ले गया और उसने मेरी इलास्टिक वाली सलवार को झटके से नीचे कर दिया इससे मैं अपने अपको सम्भाल न सकी और गिर गयी तब राजू मेरे ऊपर चढ़ बेठा में असहाय से उसके नीचे दबी रही और डर कर चुप हो गयी तब राजू ने पास ही मोबाइलके चार्जर के तार से मेरी पीछे हाथ बाँध दिया मुह में रुमाल ठूस . फिर उसने मेरे सलवार को जबरजस्ती जोकि पेरो में फंसी पड़ी थी खीचकर अलग कर दिया और फिर मेरी चूत को पेंटी के ऊपरसे चूसने लगा उसके बाद अचानक मेरी पेंटी में हाथ डालकर फाड़ डाली.अब में नंगी हो चुकी थी मेरा नंगा गोरा शरीर को देखकर वो पागल हो चूका था मेरे शरीर में तो जान ही निकल गयी थी में सिर्फ पड़ी हुई उसकी हरकते देख रही थी अब उसने अपने कपडे उतरने शुरु किये और पूरा नंगा हो गया में ने उसके नंगे लिंग को देखा तो सहम गयी पूरा सात इंच लम्बा था ... मेरी साफ़ योनी को देख कर अब वह मेरी बाजू आकर चूचियों पकड़ दबाता फिर चूसता और दूसरी को मसलता इस तरह बारी बारी दोनो चूचियों को चूसते रहा.फिर धीरे धीरे उंगली मेरी योनी पर फ़िराने लगा .मुझे भी अब सुरूर चढ़ने लगा अब राजू ने अपने लंड को मेरी चूत पर फिरना शरू किया कोमल लिंग का मुंड का पहला स्पर्श मेरी चूत से हुआ तो मेरी चूत अपने आप सिकुड़ने लगी और मेरी चूचियों में भी चुलबुलापन आने लगा ,मैं अब गर्म होने लगी थी और मेरा पूरा बदन कम्पन करने लगा मेने अब अपनी टाँगे खुद फ़ैला दी.तब राजू ने चूत में जोर से लंड दबाया ओह्हह्हह ऊऊह्हह्हह्ह मेरी कुंवारी चूत तो खुल गयी और राजू का विशाल लंड अपनी जोरदार ताकत के साथ मेरी बुर की झिल्ली को तहस नहस करते हुए आगे बढ़ गया पर मैं मुह बंद रहने के कारण मुह में ही आह्हह ओअह्हह्ह ओह्ह करती रह गयी.मेरी आँखों में आसू आ गए. मेरी टाइट चूत की धज्जिया उड़ी जा रही थी. पर राजू कहा मानने वाला था धका धक फ़का फ़क फ़का फ़क फ़का फ़क चोदने लगा और उसका पूरा लंड अब मेरी चूत में समां चूका था और अब राजू मेरी दोनो उरोजो को कस कर दबाते जी भर के मस्त चुदाई का आनंद लेने लगा. और कुछ ही देर में राजू ने बुरी तरह मुझे जकड़ लिया उसकी सांसे तेज हो चुकी थी और अपने होंटों से मेरे होंठो को चूमने लगा .वो झड़ने वाला था. और देखते ही देखते धक्के के साथ मेरी चूत में वीर्य पतन कर दिया मेरी बुर भर उठी और खून और वीर्य बाहर आकर मेरी गांड में आ गया अब राजू कुछ देर मेरे ऊपर पड़ा रहा. फिर उठ कर उसने मेरे फटे कपड़े से मेरी शरीर को साफ़ किया. और अपने कपडे पहने और मेरे फटे कपड़ो को उठाये. मेरे हाथ खोलकर मुझे धमकाते हुए किसी को न बोलने को कहकर चला गया ....
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