Sunday 11 January 2015

chulbuli mom

chulbuli mom

चुलबुली माम
माम को जब मैंने पहली बार देखा तो इतनी पसंद नहीं आई पर फिर बाद मेंपसंद आने लगी थी। वो मुझे भाव देती थी लेकिन मैं भाव नहीं देता था। वोहमेशा नीचे आती थी और हमसे बात करती थी। हमारे घर वालों से घुलमिलगई थी। मुझसे कभी-कभार बात कर लेती थी। फिर हमारी दोस्ती हो गई।धीरे-धीरे हम लोग मस्ती में भी  जाते थे।
एक बार तो मस्ती इतनी बढ़ गई कि मैं उसके हाथ मरोड़ रहा था और वोफिर शरमा कर भाग गई। मैं पीछे हट गयामुझे लगा कि उसे शायद बुरालगा। लेकिन वो ऊपर जाकर मुझे देख कर हँसने लगी। फिर हम रोज हाथ-मस्ती करते और लड़ाई-झगड़ा करते।
एक दिन मैंवो और एक छोटी बच्ची तीनों खेल रहे थे तो उसने मेरामोबाइल लिया और भाग गई। मैंने उससे पूछा तो कहने लगी कि उस छोटीबच्ची के पास है।
मैंने उस बच्ची से पूछा तो कहने लगी कि वो आंटी ने अपने कपड़ों में छुपारखा है।
मैं माम के पास गया तो पता चला मोबाइल उसने अपने स्तनों के बीच मेंछुपा रखा है।
मैंने कहानिकालो ! वरना मुझे हाथ डाल कर निकालना पड़ेगा !
तो उसने अपने कुर्ते में हाथ डाला तो मेरा तो तुरन्त खड़ा हो गया। तो मेरेउभरे हुए लण्ड को देखकर वो डर गई और मोबाइल निकाल कर दे कर चलीगई।
एक दिन मैं उसके साथ फिर मस्ती कर रहा था तब वो फिर से मोबाइललेकर चली गईमैं उसके पास गया और कहामोबाइल कहाँ है?
तो वो कहने लगीपता नहीं !
मैंने सीधे उसके वक्ष पर हाथ लगाया तो मोबाइल वहाँ नहीं था।
वो कहने लगीशर्म नहीं आती?
मैंने कहाआपको शर्म नहीं आती ऐसी जगह पर मोबाइल छुपाने से ?
और बात हँसी में निकाल दी। उस दिन मैंने उसके बारे में सोच कर मुठमारी।
दो-तीन दिन बाद वो कहने लगीमुझे तुम्हारे कपड़े ट्राय करने हैं !
मैंने कहाकल जब कोई नहीं होगा तब लेकर आऊंगा !
तो वो मान गई। उस पूरी रात मैं सो नहीं सका। खुशी जो थी कि शायद वोचुदने के लिए तैयार हो जाये !
दूसरे दिन मैं एक जींस और टाईट टी-शर्ट लेकर उसके पास गया। वो कहनेलगीमैं बाथरूम में जाकर पहन कर आती हूँ।
मैंने कहायहीं कर लो ! मेरे सामने !
तो वो शरमा गई और कहने लगीमैं तो अंदर जाकर ही चेंज करूँगी !
फिर जब वो बाहर आई तो मैंने उसे देखा तो दंग गयावो बहुत खूबसूरतलग रही थीउसने बिलकुल सही पहना था लेकिन मैंने कहायह जींस थोड़ीनीचे करो !
तो कहने लगीतुम कर दो !
मैंने तो सीधा जींस के हुक पर हाथ रखा और नीचे किया। उसकी पैंटी दिखरही थी। मैं उसके पीछे गया और उसकी टी-शर्ट को ऊपर कर दिया और कुछफोटो भी लिए।
फिर वो कहने लगीमैं चेंज करके आती हूँ !
मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहारुको ! मैं मदद कर देता हूँ !
मैंने टी-शर्ट उतारी और जींस का हुक खोल कर उसकी चूत के ऊपर ही हाथफ़िराने लगा। उसे अच्छा लग रहा था। वो एकदम से उत्तेजित होने लगीऔर नीचे झुक कर मेरे पैंट में से लण्ड निकाल कर चूसने लगी। मेरा रोम-रोम खड़ा हो गया। मैं भी उसके स्तन दबाने लगा।
उसने बाद में कहाअब तुम्हारी बारी !
तब मैंने कहाचलो 69 की दशा में  जाते हैं !
हम 5 मिनट तक वही करते रहे और फिर मैंने उसके छेद में अपनी ऊँगलीडाली और थोड़ी देर तक घुमाने लगा। फिर अपना लण्ड टिकाया और हल्के-हल्के झटके मारने लगा।
पहले उसे थोड़ा दर्द हुआ फिर वो भी मेरा साथ देने लगी। धीरे धीरे मेरे झटकेतेज होने लगे और मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने झट से अपनालण्ड निकाल कर उसके मुँह पर रख दिया और झड़ गया। यह दिन मुझेजिंदगी भर याद रहेगा। आज वो यहाँ नहीं रहती। वो जहाँ होखुश रहे !
दोस्तोआपको मेरी कहानी कैसी लगीमुझे मेल कीजिये और सबसे खासबात कि गांधीनगरगुजरात में अगर कोई लड़की कहानियाँ लिखने में मेरासाथ दे तो मुझे जरूर मेल करे !

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